कहानियां सुनी है मगर मौसम का अंदाज़ा न था
कहानियां सुनी है मगर मौसम का अंदाज़ा न था
कहानियां सुनी है मगर मौसम का अंदाज़ा न था,
तेरे शहर में आना गलती ही सही,
तब मैं आया था तो मौसम अलग था,
अभी बारिश की नादानियाँ सही,
अगर वक़्त मिले तो दिल से याद करना,
चला आऊंगा !, चाहे हो कितनी परेशानियां ही सही,
गफलत में न रहना की दूरी बहुत है,
न मिले मोटरगाड़ी ! बैलगाड़ी सही
मैं चला आऊंगा !,
चाहे हो कितनी परेशानियां सही,
वही रास्ते हैं वही है ठिकाना,
नहीं बदले सड़कें न बदला जमाना,
वो कोयल ही कूह-कूह, वो तुम्हारा रूठ जाना,
वो माथे की बिंदिया का घर पर छूट जाना,
तुमसे मिलने को मेरा यूँ बारिश में आना,
कहानियां सुनी हैं मगर मौसम अंदाज़ा न था,
तेरे शहर में आना गलती ही सही। ......

