STORYMIRROR

आनन्द राज

Inspirational

3  

आनन्द राज

Inspirational

माँ

माँ

1 min
213

जब बंद हो जाती हैं आँखें अँधेरा हो जाता है ,

माँ के दामन में अँधेरे में भी उजाला हो जाता है ,

जब रो दो तो गीत जाती है माँ ,

नींद न आये तो लोरियाँ सुनती है माँ ,

जब दुःख में रहो तो तुरंत समझ जाती है माँ ,

हंसने का मन न हो फिर भी हंसती है माँ ,

चोट अगर लग जाए मरहम लगाती है माँ ,

चुप कराने के लिए ख़ुद फिसल जाती है माँ,

दूर से कहीं आवाज़ तुम लगाओ ,

दौड़ी चली आती है माँ ,

हमारी गलतियों पर पर्दा डाल छिपाती है माँ ,

बारिश अगर तेज़ हो अपने पल्लू से छिपाती है माँ,

चाहे हो तेज़ धूप छतरी बन जाती है माँ ,

हमारे स्कूल के भारी बस्ते को उठती है माँ ,

पढ़ाई का वक़्त हो तो शिक्षक बन जाती है माँ ,

खेलने का समय हो दोस्त बन जाती है माँ ,

रूठ जाने पर प्यार से पुचकारती है माँ,

दूर चले जाने पर बहुत याद आती है माँ, 

जब बंद हो जाती हैं आँखें अँधेरा हो जाता है ,

माँ के दामन में अँधेरे में भी उजाला हो जाता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational