सुबह का तो हाल ही मत पूछो, उसे चेहरा तुम्हारा नहीं भूलता, सोया सा मासूम सा,आखें मलते देखती थी तुम सुबह का तो हाल ही मत पूछो, उसे चेहरा तुम्हारा नहीं भूलता, सोया सा मासूम सा,आखें ...
जब बंद हो जाती हैं आँखें अँधेरा हो जाता है। जब बंद हो जाती हैं आँखें अँधेरा हो जाता है।
सदा झूठ-कपट लालच फरेब से हमें, लड़ना भिड़ना और जूझना सिखाया। सदा झूठ-कपट लालच फरेब से हमें, लड़ना भिड़ना और जूझना सिखाया।
है विग्रह आग्रह कहाँ है स्वर में कलह यहाँ वे मधुर बातों का गुनगुन है नहीं तबले की था है विग्रह आग्रह कहाँ है स्वर में कलह यहाँ वे मधुर बातों का गुनगुन है नह...