मां ही हमारी देवी मां।
मां ही हमारी देवी मां।
मां तेरी ममता है बड़ी ही अनमोल,
तेरे लाड़-प्यार का कोई सानी नहीं।
सदा सच और दयालुता का पाठ पढ़ाया,
करते दुआ रहे शीष पर ममत्व की छाया।
सदा झूठ-कपट लालच फरेब से हमें,
लड़ना भिड़ना और जूझना सिखाया।
वीरता के सुप्रसंग, कहानियां और,
लोरियाँ भी देकर बचपन में सुलाया।
सदैव अन्याय और जुल्मों से लड़ना,
न्याय और एकता में विश्वास का पाठ पढ़ाया।
निराशा रूपी घनघोर अंधेरा दूर भगाया,
ज्ञान का प्रकाश जीवन में फैलाया।
ऐसी मां के ममत्व की है ये कहानी,
जो हम सभी की सचमुच की देवी प्यारी।