ये वक़्त की पुकार है ये वक़्त की
ये वक़्त की पुकार है ये वक़्त की
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धर्म है कचोटती ये रूह की
पुकार है
ठिठक ठिठक कर काँपती
ये देश की आवाज़ है
सुर ख़्वाब के पर से तुम भी
कुछ सीख लो
ये आसमा है रंग है नीला
सोच की दरकार है
धधक धधक कर कौंधती
कहीं मन में कचोटती
न जाने मन ही मन क्यों है
खुद को कोसती
डर क्या है उलझन क्या
किसका खौफ बरक़रार है
ये वक़्त की पुकार है
ये वक़्त की पुकार है
