STORYMIRROR

Archana Verma

Romance

4  

Archana Verma

Romance

कहाँ तक साथ चलोगे

कहाँ तक साथ चलोगे

1 min
462

सबसे जुदा हो कर पा

तो लिए तुमको मैंने

पर ये तो बोलो 

कहाँ तक साथ चलोगे ?


न हो अगर कोई बंधन

रस्मो और रिवाजों का

क्या तब भी मेरा ही साथ चुनोगे

बोलो कहाँ तक साथ चलोगे ?

 

एक धागे में पिरोई माला तक

सिमित रहेगा प्यार तुम्हारा

या इस गठबंधन के बाहर भी

तुम मुझसे ही प्यार करोगे

 

कागज़ पर लिखा तो विवश

होकर भी निभाना पड़ता है

इस विवशता से परे क्या

तुम मेरे अंतर्मन को भांप सकोगे

 

कभी जो आहत हो मन तुम्हारा

मेरी किसी नादानी पर,

समझा लेना मुझको प्यार से,

विचारों में पलती दूरियों को

तुम वही थाम लोगे

 

कैसी भी घड़ी हो,

कितनी भी विषम परिस्थिति हो

तुम सदा मेरा विश्वास करोगे

तुम मेरे साथ रहोगे

बोलो क्या ये सब निभा सकोगे ?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance