STORYMIRROR

Archana Verma

Others

2  

Archana Verma

Others

ताबीर

ताबीर

1 min
143

महज़ ख़्वाब देखने से उसकी ताबीर नहीं होती 

ज़िन्दगी हादसों की मोहताज हुआ करती है ..

बहुत कुछ दे कर, एक झटके में छीन लेती है 

कभी कभी बड़ी बेरहम हुआ करती है …

नहीं चलता है किसी का बस इस पर 

ये सिर्फ अपनी धुन में रहा करती है ..

न इतराने देगी तुम्हें ये, अपनी शख्सियत पे 

बड़े बड़ों को घुटनों पे ला खड़ा करती है ….

खुद को सिपहसलार समझ लो, इसे जीने के ख़ातिर 

ये हर रोज़ एक नयी जंग का आगाज़ करती है ……



Rate this content
Log in