कहाँ है खुशी
कहाँ है खुशी
जो मिली वह खुशी नहीं थी
जो बाँटी वह खुशी निकली !
खोजा तो कहीं मिली नहीं थी
वो जो दुआओं में खुशी निकली !
जब तना रहा तो मिली नहीं थी
जो नभा थोड़ा तो खुशी निकली !
खुद में खुद को मिली नहीं थी
जो मिला सबसे तो खुशी निकली !
पक्के मकानों में खुशी नहीं थी
जो बनाया घर तो खुशी निकली !
बस एक दिल में खुशी नहीं थी
जब मिले दिल तो खुशी निकली !