कहां गया वो हिंदुस्तान?
कहां गया वो हिंदुस्तान?
कहां गया वो हिंदुस्तान
जहां एकता का वास था
क्यों धर्म का बोलबाला है
जहां भाईचारे का पैगाम था
जहां गुलामी तोड़ी गई तब
जब हिंदू मुस्लिम साथ था
कहां गया वो हिंदुस्तान
जहां एकता का वास था?
तेरी ईद में शामिल थे हम
तू होली का गुलाल था
शबेरत में साथ थे हम
दिवाली को घर आबाद था
प्रेम प्यार ही उस समय
अपने जीवन का आधार था
कहां गया वो हिंदुस्तान
जहां एकता का वास था?
ताली एक हाथ से बजे नहीं है
दोनों का है यहां दोष बड़ा
अपने ही देश को खोखला करने में
हमारा भी है यहां हाथ बड़ा
आज़ादी की लड़ाई में
हिंदू मुस्लिम साथ खड़ा था
कहां गया वो हिंदुस्तान
जहां एकता का वास था ?
क्यों नासमझी करने पर उतरे
क्या तुममें है लाज नहीं
भारत मां के लाल हो तुम भी
क्या मां की तुम्हें परवाह नहीं
भूल गए क्यों तुम सब
ये तो अपना जन्नत का आहसास था
कहां गया वो हिंदुस्तान
जहां एकता का वास था?
गर भूल गए हो तो अब समझो
तिरंगे का सम्मान करो
गर हरे से इस्लाम, केसरिया है हिंदू का रंग
तो बीच श्वेत को समझौते का तुम पहचान धरो
सोचो क्या दिखता है अब कहीं
इस मुल्क में जो इंसान था
कहां गया वो हिंदुस्तान
जहां एकता का वास था?
अब भी वक्त है थोड़ा तो संभल जाओ
इससे पहले सब बिखर जाए
होकर एक जुट सब मिलकर
फिर इंसानियत का संदेशा लाएं
चलो उठा लें हम संकल्प
फिर बनाएं जैसे पहले हिंदुस्तान था
कहां गया वो हिंदुस्तान
जहां एकता का वास था?
By. Nisha yadav "Shabdanshi"✍️
