दूर
दूर
भुलाना तुझे मुझे आया नहीं
ये हुनर तूने मुझको सिखाया नहीं
सोचा क्या मांगू तेरे लिए रब से दुआ
क्या चाहिए तूने भी बताया नही
मुझे अपना बना के यूं ही छोड़ दिया
छोड़ के मुझे पूरा तोड़ दिया
पूरा तोड़ के मुझे ज़िंदा छोड़ दिया
ज़िंदा छोड़ के भी मुझे मार दिया
मुझे धोखा दे के एक पाठ है पढ़ाया
कांटों भरी राह पर मुझे चलना सिखाया
कांटे हैं लगने लगे अब फूल
राह के पत्थर हैं लगते धूल
करना है अब एक काम
कमाना है मुझको जग में नाम
दिखाना है तुझको कि मैं क्या हूं
तेरे सामने से गुजरेंगे कहेंगे राम राम
तुझसे हाथ तक ना मिलाएंगे
तेरे सामने से गुजरेंगे और चले जाएंगे
तेरे साथ ना मिलेगी अब मुझे कोई खुशी
तुझसे दूर खुद को करते जाएंगे।