खामोश जिंदगी
खामोश जिंदगी
मौन, निशब्द और खामोश है जिंदगी
अंजान साए के खौफ से, बेहोश है जिंदगी।
सुपर शक्तियों के सुपर परमाणु बमों से बेखबर
हर घड़ी मौत के साए में, मदहोश है जिंदगी।
सफेद चादरों के खौफजदा मंजर से डरे सहमे लोग
जग हितार्थ में आगे बढ़ाते हाथ, बड़ी सरफरोश है जिंदगी।
ना उम्मीदी में भी ढूँढ लेते हैं रोशनी की किरण
उम्मीदी के विश्वास पर कायम, जयघोष है जिंदगी ।