खामोश भीड़ थी
खामोश भीड़ थी


खामोश भीड़ थी
मैं बुत सा खड़ा देख रहा था
किसी माँ का लाल पिट रहा था।
मुझे क्या उसका मज़हब
जरूर इस्लाम है
होते ही वो लोग
अविशवास के पात्र
इतना लिख के छोड़ देता
तो देश भक्त कहलाता।
पर मैं आगे भी लिखूंगा
दोष उसका यह था
कि वो बीफ खा रहा था
कुछ देर बाद भीड़ को लगा
नाम पूछना जरूरी है
बंदा केरल का हिन्दु था।
बात यह गलत है
केरल या नार्थ ईस्ट का हिंदु
कैसे बीफ खा सकता है
यह भीड़ के आकाओं को
समझ ना आया।
आता भी कैसे
स्कूल के आस पास
इनका आना जाना शायद नहीं था
नहीं तो कौन सा मज़हबी
किताब सिखाता है
क्या खाना है।
यह वाक़्या काल्पनिक है
पर कल नवरात्री दुर्गा पूजा के दौरान
अगर चिकन मटन पे बैन लग गया
तो मेरा खून खौलेगा की नहीं देखना है।