STORYMIRROR

Akhtar Ali Shah

Drama

3  

Akhtar Ali Shah

Drama

कचरा गाड़ी में डालेगे

कचरा गाड़ी में डालेगे

1 min
404

गीत

कचरा गाड़ी में डालेंगे,

अब ये कसम उठा लें।

*

खुद जागेंगे देश जगेगा,

जनजन तब अंगड़ाई लेगा।

थोड़ी सी तकलीफ उठाओ,

कचरा घर से दूर दिखेगा।।

साफ रखेंगे बाग बगीचे,

सडकें मिशन बनालें।

कचरा गाड़ी में डालेंगे,

अब यह कसम उठालें।।

*

गीले में गीला डालेंगे,

अगर है ये नियम पालेंगे।

गीले सूखे अलग रहे ये, 

कचरे हम देखे भालेगें।।

अगर व्यवस्था है ऐसी तो,

खुद को ऐसा ढालें।

कचरा गाड़ी में डालेंगे,

अब ये कसम उठालें।।

*

गंदा जल थल नहीं करेंगे,

करने से अपराध डरेंगे।

जब भी खाना पीना होगा,

बने जानवर नहीं चरेगें।।

इंसां हैं तो कहलाए हम,

यार सफाई वाले।

कचरा गाड़ी में डालेंगे,

अब यह कसम उठालें।।

*

जगह जगह बन एक सहेली,

कचरा पेटी खड़ी अकेली।

"अनंत" उसतक हम पहुँचे तो,

हो जाएगी खुश अलबेली।।

अगर कहीं कुछ कचरा देखें,

उससे नजर मिला लें।

कचरा गाड़ी में डालेंगे,

अब ये कसम उठालें।।

****

अख्तरख अली शाह "अनंत" नीमच

9893788338


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama