STORYMIRROR

Tanmay Mehra

Abstract

3  

Tanmay Mehra

Abstract

कभी आओ हमारे गाँव में

कभी आओ हमारे गाँव में

1 min
564

कभी चले आओ हमारे गाँव में

दोनो बैठेगें फिर पीपल की छाँव में।


उंचे नीचे हैं पर्वत पथरीले हैं रास्ते

चलना सम्भल कर कांटा ना चुभ जाये पावँ में।


जब आओगे तुम तो प्यार भरी बातें होंगी 

हाथ में हाथ लिए बैठेगें दोनो फिर नाव में।


कभी चले आओ हमारे गाँव में

दोनों बैठेंगे फिर पीपल की छाँव में।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract