कभी आओ हमारे गाँव में
कभी आओ हमारे गाँव में
कभी चले आओ हमारे गाँव में
दोनो बैठेगें फिर पीपल की छाँव में।
उंचे नीचे हैं पर्वत पथरीले हैं रास्ते
चलना सम्भल कर कांटा ना चुभ जाये पावँ में।
जब आओगे तुम तो प्यार भरी बातें होंगी
हाथ में हाथ लिए बैठेगें दोनो फिर नाव में।
कभी चले आओ हमारे गाँव में
दोनों बैठेंगे फिर पीपल की छाँव में।