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Omdeep Verma

Romance

5.0  

Omdeep Verma

Romance

कौन हो तुम

कौन हो तुम

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कौन हो तुम 

जो मेरी जिंदगी में इतनी आसानी से आ गए 

लाख अपनाने की कोशिश करो 

लेकिन पराए पराए होते है तुम बखूबी दिखा गए 

खुद से ही खफा है हम 


कि कैसे कर लिया यकीन तुम पर एक नजर में 

घाव दिल को जो तेरी चालाकियों से मिले हैं

एकबारगी तो नहीं मिलते किसी खंजर से 

खिताब कोई तुम्हारे लिए भी होना चाहिए 


जो इतना हुनर है तुम में दिलों से खेलने का 

आज हमारा यह हाल ना होता 

अगर हम में भी होता संयम झूठे फरेब झेलने का 

गिनवाना नहीं चाहते हम वो वादे 


जो तुम्हें खुद ही याद नहीं 

अब तो मौत भी आ जाए तो कबूल है 

जीने की अब कोई फरियाद नहीं 

जब इतना कुछ दिया है तो 


बस एक और आखरी काम कर दो 

जहर दे दो चाहे गोली मार दो 

जिंदगी हमारी बस उस मौत के नाम कर दो।


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