कैसे जाने दूँ...!
कैसे जाने दूँ...!
अभी..!
नहीं..!
अभी नहीं..!
अभी कैसे जाने दूँ तुम्हें
कैसे कह दूँ अभी विदा..?
अभी तो आए हैं हम
ज़िंदगी में एक दूजे के..
देखो ना..!
चाय की प्याली अभी खाली नहीं हुई
ये हाथों के मेंहदी की लाली भी वैसी ही
कितने ख़्वाब बुने भी नहीं हमने
कितने पूरी करनी है अभी बात
अभी बीते भी नहीं मौसम रंग के
कहाँ हुई अभी दीपो की बात.....!
अभी कैसे कह दूँ विदा तुम्हें कैसे
अभी अधूरी है ये मुलाकात....!!