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SIJI GOPAL

Tragedy

4  

SIJI GOPAL

Tragedy

कैसा है ये प्यार ?

कैसा है ये प्यार ?

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तुमको बहुत चाहा इसलिए खुद को सजा देता हूं

तुमसे उम्मीद रखी इसलिए खुद को परेशान करता हूँ


तुमको निहारा इसलिए खुद को नापसंद करता हूँ

तुमको याद किया इसलिए खुद की श्राप देता हूं


तेरे लिए प्रार्थना की इसलिए खुद की निंदा करता हूं

तुमको सराहा इसलिए खुद को नुकसान पहुँचाता हूँ


तुम्हारा ख्याल किया इसलिए खुद को तंग करता हूँ 

तुम्हारा सहारा बना इसलिए खुद से घायल करता हूंँ


तुम पर विश्वास किया इसलिए खुद को धोखा देता हूँ

तुम्हारे बारे में सोचा इसलिए खुद को ड़ाटता हूं


तुमसे वफ़ा की इसलिए अपने साथ छल करता हूँ

तुम्हें थामा इसलिए अब अपने आप को तोड़ता हूँ


तुम्हारा इंतज़ार किया इसलिए खुद को चोट पहुंचाता हूँ

तुमसे प्यार किया इसलिए मैं खुद से नफरत करता हूँ।


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