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Gurminder Chawla

Abstract

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Gurminder Chawla

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कैदी

कैदी

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288



मै हूँ सेन्ट्रल जैल का कैदी

यही मेरा सम्मान है,

कैदी नम्बर 100

यही मेरी पहचान है,

किसने मुझे बनाया कैदी

शायद यह पुलिस का ही काम है

हो सकता है यह मेरी किस्मत का फरमान है

मर्डर का चार्ज लगा था मुझ पर

हांथो मे हथकडी है

कोर्ट मे तो मेरी बहन ही मुझसे दूर खड़ी है

जज ने बोला चाकू पर तेरे ही हाथों का निशान है

क्यो किया आवेश मे आकर तूने ये काम है ।

क्या बताऊँ तुम्हे मै किसने यह काम किया

वो कोई तो अनजान था जिसने मेरे घर के पीछे गली मे यह काम किया ।

मैने तो जल्दी मे जान बचाने के लिये चाकू को थाम लिया ।

मै निदोष हूँ अब यह मुझको ही साबित करना है

मै कैदी हूँ इसलिए जेल मे ही सड़ना है ।


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