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Gurminder Chawla

Abstract

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Gurminder Chawla

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नया साल

नया साल

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जरा बता दो 31 दिसंबर को क्यों मनाते हैं ?

क्या जाने वाले साल का गम खुशी से मनाते हैं ।

नही , हम तो आने वाले साल की खुशी मनाते हैं ।

फिर खुशी एक जनवरी को भूल कर दिसम्बर के आखिरी दिन क्यो मनाते हैंं ?

साल बदला यही सोचकर नौजवान पागल हो जाते हैं

साल बदला यही सोचकर बुजर्ग भी दीवाने हो जाते हैं

बच्चों के लिए तो इस दिन खूब धूम धड़का होता है ।

स्त्रियो के लिए ये दिन जोश भरा होता है।

अक्सर ऐसा होता है नये साल के दिन नास्तिक भी आस्तिक हो जाता है।

यही ऐसा मौका है जब जाने वाले का गम और

आने वाले की खुशी का सामना एक साथ होता है

आओ मिलकर नमन करें नये साल मे जीवन स्वस्थ और लक्ष्मी खूब रहे ।


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લોગિન

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