बादल ( कविता )
बादल ( कविता )
बादलों में पानी कहाँ से आता है
नन्हे बालक को यह सवाल सताता है।
उमड़ उमड़ कर क्यों हो जाते पागल बादल
आसमां क्यों चमककर शोर मचाता है।
काली बदली कहाँ से आती
फिर आसमान पर क्यों छा जाती
क्यों चमकती बिजली है
कैसे धरती पर गिरती है
बूँदा - बूँदी क्यों शुरू हो जाती
ऐसे में बालक का दिल मचलकर
नहाने को इसमें आ जाता है।
फिर भी आज का बालक इसमें नहाने को शर्माता है।