काश
काश
काश वो पेड़ कुछ बोल पाते
कुछ उनके अपने अंदर का दर्द हम सुन पाते
तो कितना अच्छा होता !
काश वो परिंदों की आवाजें हम समझ पाते
उन्की मुश्किलों का हल सारा निकाल पाते
तो कितना अच्छा होता!
काश वो समुंदर में रहती मछलियों के पानी की क़ीमत समझ पाते
काश हम पानी का स्वाद, सुंगध जान पाते
तो कितना अच्छा होता!
काश इंसान अपने अंदर की इंसानियत जिंदा रख पाता
काश कभी न होता,इंसान इंसानियत में रहते
तो कितना अच्छा होता!
काश आमने सामने से दोनों अंधे होते इश्क में
काश मैं जो सोचता हूं "राज" वहीं होता
तो कितना अच्छा होता!