कौन था साथ भी मेरे ?
कौन था साथ भी मेरे ?
कोई न रहा साथ में मेरे
कौन था साथ भी मेरे ?
यह तो सारी हवाए है
जो जिंदा रखी हुई है जिस्म को मेरे
चारो और रास्ते देखे है
कोई न खत्म हुआ साथ में मेरे
यहां से मरकर लोग आसमान में चले जाते है क्या ?
नहीं, जमीन में रहते है अब भी दोस्त-दुश्मन मेरे
जिसको मैंने छांव दी
उसने ही पैर , हाथ, मुँह काटे हैं मेरे
कोई मुझे पसंद ही नहीं कर सकता
इतने अच्छे है ख्वाब-ओ-खयाल मेरे
घूम घूमकर बहोत सी जगह
लौट आया हूं मैं तो घर को मेरे
दिन गिनते गिनते मैंने एक साल गुजारा है
सालाना साल तौल रहा हू एक-एक दिन को मेरे
चौक गया एक दोस्त को दुश्मन बनते देख
क्या सितम है खट्टा खिला रहा हूं ज़ख्म को मेरे
बहोत नजदीकी हर किसीके साथ दुश्मनी पैदा करेगी
हादसे ही सिखाएँगे जिन्दगी के तरीके को मेरे