बदल बदल कर मूर्तियां मैंने
बदल बदल कर मूर्तियां मैंने
बदल बदल कर मूर्तियां मैंने
आखिर में सोचता हूं मदद मेरी किसने की?
जो होने का सिर्फ भ्रम है उसे कैसे देखूँ?
आखिर में सोचता हूं इस दुनिया की शुरुआत किसने की ?
रहता है तो रहता है कहाँ?
यही सोच कर हर इंसान ने आसमान को बहुत आवाजें की