समय
समय
समय फिसल रहा है
बंद मुट्ठी करोगे
तो भी बांध न सकोगे
जाते हुए समय को
रोक न सकोगे
सबके पास समान
घंटे हैं चौबीस
कम या ज्यादा
कर न सकोगे
खुद ही तय करो तुम
वक्त को कैसे
करे खर्च
महँगा है बड़ा है यह
जो मिला है अब
संभल कर चले तो
जिंदगी संवार लोगों
जो किया फ़िज़ूल खर्च
तो क़ीमत अदा न कर सकोगे।