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Rajdip dineshbhai

Inspirational Children

4  

Rajdip dineshbhai

Inspirational Children

क्या करूँ इंसान हूं !

क्या करूँ इंसान हूं !

1 min
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मैंने भी धोखा दिया 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी ऊंच-नीच का भेद किया 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी ज़ख्म पर फिर से ज़ख्म लगाया 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी विश्वास पर शक का साया डाला 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी लालच का जाल बिछाया प्राणियों के लिए 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी बहोत चेहरों की चादर पहनी 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी परछाईं को पाकर उस पेड़ को काट दिया 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी झगड़ों में बीच में आते पेड़ काटे 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी भ्रम रखा सत्य को जानने के लिए 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी दिखावा किया जीने का 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी इंसानों में भेद रखा 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी दूसरों के हाथ से मांस को अपनाया 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने फिर भी कोई पाप नहीं किया 

क्यूँ की मैंने कुछ नहीं किया 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी निर्जीव पर विश्वास रखना शुरू किया 

जो जिंदा है उसे भूलना चाहा 

क्या करूँ इंसान हूं!


मैंने भी सारे रूप ले लिए 

क्या करूँ इंसान हूं!


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