"पिता "
"पिता "
पिता हर घर के लिए रोटी कपड़ा और मकान है
पिता हर नन्हे से परिन्दे के लिए खुला आसमान है
पिता है तो घर में सुख सुविधाओं की भरमार है
पिता हर माँ की चूड़ी बिंदी और सुहाग है
पिता है तो बच्चों के सारे सपने पूरे है
पिता है तो बाजार के सारे खिलौने अपने है
पिता ही संसार के सब सुखों का आधार है
पिता ही बच्चे के लिए स्वर्ग है और चारों धाम है
पिता वंदनीय देवतुल्य और सब विघ्न नाशक है
पिता ही तीनों देव ब्रह्मा विष्णु और महेश है।