मैने रंग बसंती लिखा है
मैने रंग बसंती लिखा है
मैने फिर कलम से माँ लिखा है
फिर मैने हिन्दुस्ता लिखा है
और लिखा है उसी कलम से
मैने इंकलाब
फिर मैने रंग बसंती लिखा है।
लिखा है रोया नहीं फांसी पे
मै अकेला नहीं था रण मेे
कभी आजाद कभी बिस्मिल
फिर मैने सुखदेव राजगुरु लिखा है।
लिखा है लाला लाजपत राय ने
लाठी खाई पर शब्द नहीं बदला
लिखा कि सांडर्स हत्यारा था
फिर मैने भगत सिंह का बदला लिखा है।
लिखते लिखते लिख दिया
रंग बसंती चोला है
असेंबली में बम फोड़ने
वाला भगत सिंह का डोला है
फांसी पर भी हंस दे
फिर रंग बसंती बोला है