मन का चेन
मन का चेन
अपना घर
अपना होता
जब भी होता
घर का खाना
घर का होता
जब भी होता
चाहे जहाँ के
किसी भी शहर
किसी भी गांव
में घूम आओ
सारे जहाँ की
सैर कर आओ
अपने घर आकर ही
अच्छा लगता
दुनिया के किसी
भी पाँच सितारे
होटल में रेस्तरा में
खाना खा आओ
घर का खाना
घर का होता
अपने घर में ही
आ के चैन मिलता
अपने घर की
दाल रोटी भी
लाखों पकवानो
से स्वादिस्ट लगती
अपना घर
बड़े बड़े महलों से भी
ज्यादा आराम देता
घर अपना होता
बेटे के घर रहे
बेटी के यहाँ गए
सब सुख पाए
मन को चैन
तभी आया
जब लौट के
अपने घर को आये।