सोच शहीद की
सोच शहीद की
एक सैनिक की बीवी या प्रेमिका क्या सोचती होगी
तेरे बाद मेरे कहानी का क्या होगा
तेरे बाद सारे निशानी का क्या होगा
अभी भी सूखी नहीं हैं तेरी गीली वर्दी
तेरे बाद मेरे आंखों के पानी का क्या होगा
शायद,
शहिद होने के बाद भी अपनी बीवी
या प्रेमिका को ढांढस देता हुआ सैनिक
रो कर अपने आंखों के पानी ख़त्म ना कर
ऐसे तो कोई मेरी निशानी ख़त्म ना कर
कर्ज़ कोई ना कोई अब भी शायद बाकी है
मेरे बाद मुझपर देश के मेहरबानी का क्या होगा
सोचो तो कुछ तो जुबान दिया था अपने देश को
बताओ मेरे बाद उन सारी जुबानी का क्या होगा।।