मां
मां
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तस्वीर चाहे जैसी हो, पर है तू प्यारी मां,
मुझमें तेरी ही सूरत, ममता की तू मूरत,
सारे गम की खुशियां है तू मेरी मां,
मेरे सारे नखरों को भी उठाती मेरी मां,
कभी कभी खुद भूखी रह जाती,
पर मुझको खिलाती पूरा मेरी मां,
खुद फटे पुराने कपड़ों में रह जाती हो,
पर मेरे हर जन्मदिवस पर नए कमीज़ लाती हो,
तेरी हर कुर्बानी को कैसे बताऊं मेरी मां,
तस्वीर चाहे जैसी हो, पर है तू प्यारी मां।।
