जीवन का फ़साना
जीवन का फ़साना
जीवन का फ़साना
कभी बुरा कभी सुहाना
होता एक तराना
जिसे प्यार से निभाना
कभी होता नया कुछ पुराना
नहीं बना इसे अफसाना
जीवन बने आशिकाना
इसे मौज मस्ती में बिताना
जब भी मौसम हो जबराना
उसका आनन्द है उठाना
हो जाए दिल दीवाना
जलना पड़े चाहे
बनके परवाना
कर जा कुछ ऐसा
के तुझे याद करे जमाना
इसे जिसने दिया
कर उस ईश्वर का
सदा शुकराना।