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J P Raghuwanshi

Inspirational

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J P Raghuwanshi

Inspirational

प्रेरणा

प्रेरणा

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माना कि

मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता।

चिन्तन तो कर सकता हूं चिंतक बनकर।


माना कि

मैं अकेला व्यवस्था नहीं बदल सकता।

विरोध तो कर सकता हूं मुखर होकर।


माना कि

मैं अकेला रण नहीं जीत सकता।

हौसला तो बढ़ा सकता हूं कवि बनकर।


माना कि

मैं अकेला परिवारवाद से जीत नहीं सकता।

पर हिम्मत तो कर सकता हूं, मोदी बनकर।


माना कि

भ्रष्टाचार, अनाचार का बोलवाला है।

अनशन तो कर सकता हूं, गांधी बनकर।



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