जो तुम्हारे होने की ही तो अनुभूति देता है जो तुम्हारे होने की ही तो अनुभूति देता है
सुना किसीने क्या? लो अभी अभी तो दिल ने दोहराया है मेरे पिया का नाम। सुना किसीने क्या? लो अभी अभी तो दिल ने दोहराया है मेरे पिया का नाम।
तो कितना आसान हो जाता है अभिव्यक्त करना होकर मुखर प्रेम में ! तो कितना आसान हो जाता है अभिव्यक्त करना होकर मुखर प्रेम में !
नदी निरंतर बहती हो किसी से कुछ न कहती हो! नदी निरंतर बहती हो किसी से कुछ न कहती हो!
उम्र की सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ती हुई मैं मम्मी सी होती जा रही हूं। उम्र की सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ती हुई मैं मम्मी सी होती जा रही हूं।
माना कि मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता। चिन्तन तो कर सकता हूं चिंतक बनकर। माना कि मैं अकेला कुछ नहीं कर सकता। चिन्तन तो कर सकता हूं चिंतक बनकर।