शरणागति
शरणागति
जपो रे मन! हर दम सीताराम।
चौरासी के बंधन कटि है,
बनि हैं बिगरे काम।
षट विकिर से हमें निवारे,
पावै परम विश्राम।
जपो रे मन,हर दम सीताराम।
सबरी गीध अजामिल तारे।
सुमरों हरि को नाम।
जपो रे मन,हर दम सीताराम।
ध्रुव, प्रहलाद परम पद पायों।
जानत सकल जहान।
जपो रे मन,हर दम सीताराम।
ज्ञान, वैराग्य एक नहि मोरे।
केवल प्रभु को नाम।
जपो रे मन,हर दम सीताराम।
कृपा सिंधु, करूणा के सागर।
आहै जन के काम।
जपो रे मन,हर दम सीताराम।