इम्तिहान
इम्तिहान
जिंदगी सदा से ही ,
सबका इम्तिहान लेती है ।
कभी खुशी तो कभी,
गम का उपहार देती है ।।
गर्भ में नौ मास रहना,
और रखना है कठिन ।
बीत जाता समय पर,
गिनते हुए है मास दिन ।।
फसल बोकर कर प्रतीक्षा,
खाद दे पानी उन्हें ।
देखता है हर घडी क्या,
है कमी कोई नही ।।
पालता रक्षा भी करता,
भूलकर निज दुःख सारे ।
है मचलता देख फल को,
जो दिया इम्तिहान प्यारे ।।
जिदंगी जीना मगन रहना,
सभी से मेल करके ।
ज्ञान पा कर्तव्य कर निज,
वो सफल इम्तिहान देके ।।
हर घडी हर पल सदा,
इम्तिहान ही देते हैं हम ।
कोई पाता अधिक मिलता ,
है किसी को और कम ।
किन्तु जीवन मे कभी ,
होना नही विचलित सही ।
सफल हो इम्तिहान देकर,
सफल है वह मनुज ही ।।