चुनौतियों से कभी ना घबराना
चुनौतियों से कभी ना घबराना
संघर्ष है ये जीवन पग पग पर,
कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है,
साथ नहीं चलता कोई भी हमारे इस दुनिया में,
हमें लड़खड़ाए कदमों को खुद ही संभालना पड़ता है।
रूठ जाए तकदीर तो रूठने दो,
अपनी हिम्मत तुम कभी ना टूटने देना,
हिम्मत, हौसला रखना बुलंद सदैव ही अपना,
और एक नई तकदीर का तुम स्वयं ही निर्माण करना।
संघर्ष के मैदान में उतरने से पहले ही,
हार जीत का फैसला तुम कभी ना करना,
डराती है अगर ये असफलता तुम्हें तो डराने दो,
तुम चलते रहना और खुद का विश्वास कभी न खोना।
हार से पहले ही हार मान लोगे,
तो ये हार तुम्हें और अधिक डराएगी,
भटकाएगी जीत की राह से कदम भी खींचेगी,
फिर यही डर तो तुम्हारी हार का कारण बन जाएगी।
चुनौतियों से कभी ना घबराना,
जीत मिले न मिले हार कभी न मानना,
मंजिल पाने में हार जाना इतना बुरा नहीं है,
जितना बुरा सफलता के लिए कोशिश ही ना करना।
खुद मिट जाता नहीं है अंँधेरा,
चिरागों को जलाना करना पड़ता है,
ऐसे ही सफलता खुद चलकर आती नहीं,
हमें हर लम्हा हर घड़ी संपूर्ण प्रयास करना पड़ता है।
जलने के डर से चिराग ना जलाना,
और अंधेरे में सिमट जाना समझदारी नहीं,
खुद की हिम्मत पर ही यूंँ विश्वास ना रखना तो,
खुद के साथ ही तुम कर रहे हो कोई वफादारी नहीं।
मनुष्य के जीवन तो का उद्देश्य है,
कर्म करना फिर कर्म करने से क्यों डरता है,
तू कर्म कर फल मिलेगा ज़रूर सफल भी होगा,
हार से पहले ही तू क्यों हार मानकर यूँ बैठ जाता है।