STORYMIRROR

Jyoti Deshmukh

Inspirational

4  

Jyoti Deshmukh

Inspirational

Day-25 सफ़लता

Day-25 सफ़लता

2 mins
220


डोर हौसले की थाम कर ही 

कर्तव्य पथ पर बढ़ाए अपने कदम 

फिर अँधेरों में उजाले ढूंढ लेगे हम 


बार बार गिरकर धरा पर चींटी भी मंजिल पाती है 

आज ही तेरी हार कल जीत की उम्मीद जगाती है 


जैसे हर रात के बाद प्रतिदिन उजाला होता है जगमगाते इस पल में उम्मीद का दिया जला ये हम 

निराशा ने हर अंधरे को आशा का सूरज दिखाएं हम 

मुश्किलों तो है राह में पर अब ना घबराएं हम 

मन पर पडी धूल को हटाकर कर्म से अपनी तक़दीर बनाएंगे हम 

मत न हो निराश तू रख विश्वास जीवन में मार्ग पर मझधार फंसी उस नैया को उम्मीद के किनारे लगाएंगे हम 


राह में ठोकर खाने पर कभी ना घबराएं हम 

थोड़ा चिंतन कर कारणों का पता लगाएंगे हम 

फिर दुगुनी ताकत से अदम्य सी उड़ान भरेंगे हम 


तू कर प्रयास ना हो उदास 

राह बनाएंगे हम जीवन में जो पाना है उसकी आशा जगाये रखेगे हम 

बुलंद हौसलों से से हर मंजिल को पाना है 

संघर्षों के पार सुन्दर जहान है 

श्रम की तपिश में पसीना से तर हो जायेगे हम 


आत्म विश्वास से आगे बढ़ेंगे हम 

भव्य शिखरों पर कीर्तिमान गड़े हम 

प्रसून की चाह में कांटों से ना डरेंगे हम 


अर्जुन सी निगाह रख लक्ष्य को पाएगें हम 

अभिप्रेरणा लेकर आगे बढ़ जायेगे 

फिर सफलता के वर्ण से मेहनत के रंग दिखाए हम 


कर्म पर अपना भरोसा 

भाग्य को किसने रोका 

यह जिद अपनी भी यही 

कर्म से अपने भाग्य को बदलेंगे हम 

मंज़िल पर पहुँचकर दम लेगे हम 

खुद ही जीत और सफ़लता की इबारत लिखेंगे हम 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational