शौर्य गाथा
शौर्य गाथा
शौर्यगाथा जिनकी हर दिन भारतवर्ष बडें शान से गायेगा
ऐसे वीर जवानों का शहादत भरा हर वो लम्हा याद आयेग
माँ का आँचल छोड के भारत माँ की गोदमें वो समायेगा
अपनें देशके प्रती हर कर्तव्य को निष्ठाभाव से निभायेगा
अपना घर,अपना गाँव छोडके देश के लिए ही जियेगा
वतन पर कुर्बान हुआ हर वो वीर याद आयेगा
भारत के सपूतों का बलिदान ना व्यर्थ जायेगा
हर मज़हब़ से परे वो पहले भारतवासी ही कहलायेगा
नमन तुम्हें ऐ वीरजवानों तुम्हारा ऋण चुकाया कैसे जायेगा?
अचल,अटल ऐ वीर तुम्हें हर भारतवासी शीश झुकायेगा
धन्य तुम्हारे पराक्रम की हर दिल नतमस्तक हो गया है
सारा हिंदुस्तान तुम्हारी शहादत पे बडें फख्र से रोया है।
