गांधी बापू
गांधी बापू
पोरबंदर के गांधी परिवार में,
जन्म लिया भारत माता के सपूत ने,
शिष्यवृत्ती विदेश की पाके,
बैरिस्टर बने विदेशी भूमि मे।
गोरे काले की भेद नीति से ,
खलबली मच उठी अंतर्मन में ,
सत्याग्रह की शुरुआत हुई ,
विदेशी दक्षिण अफ्रीका की भूमि में ।
स्वदेश वापसी करके ,
कोना कोना देश का घूमे ,
शोषित भारतीयों की दशा देखके ,
अन्याय के विरुद्ध सत्याग्रह अपनाएं।
देश में गरीबी को मिटाने ,
स्वदेशी अपनाने को समझाएं ,
तन को खादी से लिपेटे,
चरखें को वह खूब चलाएं ।
सत्य ,अहिंसा ,सादगी की लाठी से,
अंग्रेजों को देश से भगाए ,
त्याग और सादगी की मूरत है ये,
मोहन से वह महात्मा बन जाए।