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Kavita Bhatasana

Others

4.5  

Kavita Bhatasana

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नई उम्मीद

नई उम्मीद

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नई उम्मीदें नए वर्ष की ।

लेकर आए स्वर्णरश्मि जीवन की।।


सृजन कर दे नई सोच की ।

स्फूर झाए चेतना मन के तरंग की ।।


बटोर कर पुराने अनुभव को ।

कठिन जीवन को सरल बनाएं ।।


देकर तिलांजलि व्याधियों को ।

निरोगी मन का स्वास्थ्य बनाएं ।।


खंडहर बनती चली मानवता को।                

संस्कृति के ज्ञान का पान कराएं ।।


जिस से सुमन खिल जाए जीवन में ।

जो नूतन हर्ष की ज्योति जलाए।।


प्रकृति का खनन करनेवाले ।

जीवन को कंटक मत बना ।।


स्वार्थ के रस को छोड़ दे मनुज ।

नई उम्मीद से नया साल बिता दे।।


नए साल की शुभकामना सबको ।



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