शुक्रिया
शुक्रिया
हर तरफ भय और दहशत का वातावरण,
घर के अंदर दुबके रहने का सब कर रहे वरण,
यही समय की माँग और नजाकत है,
तभी सम्भव होगा इस मुश्किल का हरण।
पर इस वक्त में भी कुछ देवदूत हैं
सदा हमारे आस पास नजर आ रहे।
अपने फर्ज के लिए अपनी जान दाँव पर लगा रहे।
चिकित्सक हो या नर्स या फिर कोई चिकित्साकर्मी,
अपना फर्ज वह पूरी तरह से निभा रहे।
संक्रमण से शायद डरते नही या डर को पीछे भगाते,
दिन रात की परवाह किये बिना
सबकी सेवा में है लग जाते।
उनसे दो कदम आगे हैं सफाईकर्मी,
बड़ी मुस्तैदी से बीमार के कमरों की सफाई कर जाते।
शुक्रिया कैसे करूँ इन देवदूतों को
जो अपनी क्षमता और ऊर्जा को दूसरों के लिए लुटाते।
चाहे वह बैंककर्मी हो या दवाई वाला या फिर कोई वेंडर,
जिंदगी को चलते रहने देने के लिए सब कुछ दाँव पर है लगाते।