काश !
काश !
इस बार हमेशा के लिए चले
आना फिर कभी ना जाना.
बहुत सम्मान है आपका
हमारे दिल मैं, दिमाग मैं ह्दय मै और आत्मा मैं !
आपको देखे तो सिर्फ सम्मान आता हैं ह्रदय से जो कभी नहीं जाता है !
हमरी सिर्फ आत्मा देखती है आपको.
ह्रदय और मन का तो आपका भी तकता होगा
काश......!!!
ये भी क्या भावुक चाहत है
जो कभी ना पूरे होने को है फिरभी सोचती है काश....!!!!!
सामाजिक मर्यादा का पालन ही हमेशा धर्म रहा है
इस लिए अब तक आपको कहीं कभी नहीं छुआ है
ह्रदय तो हमेशा छूता रहता है
G S Pachouri "शिवाय "

