मित्र
मित्र
मित्र आत्मा है
मित्र अगर सच्चा है तो
वह ही परमात्मा है
सच्चा मित्र अन्धकार में प्रकाश है।
तेज नदी की धार है
सुख दुःख मेरे साथ है.
वो ही करतार है
मित्र तो सुधामा और कृष्ण
की शाश्वत सत्य है
मित्रता राम सुग्रीव की
एक आदर्श उपदेश है
मेरे सारे दोस्त कोई कम नहीं
सभी दोस्तों का साथ है
इसलिए कोई गम नहीं है
मित्र ईश्वर का दान है
मित्रता कोई दिखावा नहीं है
जन्म जन्मत्र का मेल है।
