कालीघाट की चित्रकारी
कालीघाट की चित्रकारी
बाबू इण्डियन क्लर्क
कालीघाट चित्रकारी कलकत्ते की प्रसिद्ध विशिष्ट मालामाल।
पटुआ समुदाय ताड़,कपड़े में पटचित्रण कलांकन बेमिशाल।
19वीं शती में अंग्रेज बाबू बैठे ले हाथ में हुक्का बने महान।
ये कलाकृति क्लीवलैन्ड म्यूजियम में बनी शान व पहचान।
देशी क्लर्क बंगाली ब्रिटिश समन्वय शैली व्यंग्य बांके कार्टून।
फैशन ज्ञानशून्य, चला मुरारी हीरो बनने ब्रिटिश जेन्टिलमैंन।
नकल में गोरों की,भूल स्वअक्ल,कैसी लगे बेवकूफ शक्ल।
कौआ चला हंस की चाल कोई न पूंछे इन का पुरसाहाल।
बैठ कुर्सी विक्टोरियन क्रास-लेग्ड,लेकर हुक्का कैसे लगें जनाब।
रंगा सियार,माथे प्रिंस अल्बर्ट से सज्जित बाल देखें कैसे ख्वाब?
पहन यूरोपी बक्कल जूते ,मुद्रा फोटो स्टूडियो नकल कमाल।
कालीघाट के चित्रकार ने दी प्रतिक्रिया उपहास,देख ये भेड़चाल।
बाबू फोपिश (काठ के उल्लू) कह उनकी हंसी उड़ाई।
देशी वैश्वीकरण पतन के खिलाफ, तेज आवाज उठाई।
