जवाब दे पाओगे क्या ?
जवाब दे पाओगे क्या ?


जेहन में जलते-बुझते से
कुछ सवाल हैं मेरे
जवाब दे पाओगे क्या ?
कभी जो रूठ जाऊँ मैं
तो खुद ही मान जायेगी
कहकर चले जाओगे क्या ?
तुम्हारे ही नाराज होने पर
अगर आंसू मेरे निकले,
तो ख़ुद पर काबू रखकर
मेरे आंसू रोक पाओगे क्या ?
मेरी नासमझ बातों में
पागल कहकर मुझे
मुस्कुरा पाओगे क्या ?
तुम्हें नापसंद होने पर भी
बारिश में मेरे साथ
भीग पाओगे क्या ?
जिंदगी की कश्मकश में
पिछली कुछ बातें
भूल जाओगे क्या ?
मेरी गलतियां, मेरी लापरवाही
कभी ज्यादा हो जाये तो
दिल से माफ़ कर पाओगे क्या ?
मैं कभी हार मान लूँ
जिंदगी की उलझनों से,
तो हाथ थामकर मेरा
हौसला बन पाओगे क्या ?
अंजान नहीं मैं कि
मुश्किल है सब कुछ
पर मेरे साथ चल कर
जिंदगी आसान
बना पाओगे क्या ?
जितनी उम्मीद
मैंने की है तुमसे
उतनी ही तुम्हें भी
होगी मुझसे,
फिर भी शुरुआत तुम
पहले कर पाओगे क्या ?