STORYMIRROR

Fahima Farooqui

Abstract Romance Inspirational

4  

Fahima Farooqui

Abstract Romance Inspirational

जुदाई

जुदाई

1 min
271

जुदाई को तेरी नसीब कर लिया//

यादों को तेरी क़रीब कर लिया//1


नहीं करते अब ख्वाहिश तेरी //

दिल को हमने ग़रीब कर लिया//२


ख़ुशियां सदा रहती नहीं टिक कर//

ग़मों को इसलिये हबीब कर लिया//3


चल कर अदल-ओ-इंसाफ के रास्ते//

ज़माने को अपना रक़ीब कर लिया//4


दवाओं से जब असर जाता रहा तो//

दुआओं को मैंने तबीब कर लिया//5


लगा के दिल ख़ुदा से तूने फ़हिमा//

रोशन अपना नसीब कर लिया//6



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract