STORYMIRROR

Kusum Lakhera

Action Classics Inspirational

4  

Kusum Lakhera

Action Classics Inspirational

जश्न ए आज़ादी

जश्न ए आज़ादी

1 min
249

जश्न ए आज़ादी चलो इस तरह मनाते हैं

भूख से बिलखते बच्चों को खाना दे आते हैं

वो जो पिंजरे में रह रहे थे वे प्यारे से पंछी

चलो उनको उस बंधन से उस पिंजरे से आज़ाद कर आते हैं 


जश्न ए आज़ादी चलो इस तरह मनाते हैं ..

सेना के जवानों का हौंसला हम सब बढाते हैं 

सीमा के रक्षकों के लिए रक्षा का सूत्र पहुँचाते हैं 

जो तन मन समर्पित करते हैं मातृभूमि के लिए 

उन फ़ौजी भाईयों को शुभ सन्देश की चिट्ठी दे आते है  


जश्न ए आज़ादी चलो इस तरह मनाते हैं ...

जो नींव की ईंट बनकर देश की आज़ादी में काम आए 

जो तन मन समर्पित कर अपने फर्ज को हर हाल पर निभाए 

ऐसे कर्मवीरों के समक्ष हम सब अपना सिर नवाए ..

चलो ऐसे शहीदों के लिए प्रकट करें अपनी पावन भावनाएं


उन शहीदों से सीखें हम भी देशप्रेम का पाठ ,जिन्होंने 

हौंसला न डिगने दिया , वह सह गए सब यातनाएँ 

चलो ऐसे शहीदों के परिवारों को सम्मानित कर आते हैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action