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Jyotshna Rani Sahoo

Romance Classics

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Jyotshna Rani Sahoo

Romance Classics

जरूरी तो नहीं

जरूरी तो नहीं

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हां हो गया मुझे तुम से

वो ना चाहते हुए चाहत

जरूरी तो नहीं कि

मेरे उस इश्क़ के चाहत के बदले

तुम्हे भी हो जाए मुहब्बत।


मैं ठीक हूं

अरे संभल जाऊंगी

ये काटें भरी राह खुद चल लूंगी

अगर मैं जहमत उठाई हूं

मैं ख़ुद लड़ूंगी खुद से

तुम बेफिक्र होकर आहे भरो

जरूरी तो नहीं कि

तुम भी मुझसे प्यार करो।


चलो गिर भी गई मैं

कुछ देर थम जाएगी सासें

पर रुकेगी नहीं हमेशा के लिए

तुम बिल्कुल परेशान मत हो

सुकून से अपना काम करो

जरूरी तो नहीं कि

तुम भी मुझसे प्यार करो।


हां तुम भा गए थे

पहली नज़र में हीं

मैं खो गई थी उन 

बातों के काफिलों में

पर तुम क्यूं रुकोगे

अपना रास्ता खुद पार करो

जरूरी तो नहीं कि

तुम भी मुझसे प्यार करो।


बुन ली थी कुछ ख़्वाब

बिन पूछे सजाई थी सपने

अब मैं जब खो जाती हूं

उन सपनों के भ्रमर में

तुम्हें क्या

तुम अपना सपना पूरा करो

जरूरी तो नहीं कि

तुम भी मुझसे प्यार करो।


हां नहीं हुआ मुझसे इज़हार

ना होगा कभी

पर तुम मेरे ऐतबार करो

कभी नहीं बोलूंगी

कितना तड़प था

तुम कभी इंतज़ार ना करो

जरूरी तो नहीं कि

तुम भी मुझसे प्यार करो।


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