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Arunima Bahadur

Action

4  

Arunima Bahadur

Action

जरा सोचिए

जरा सोचिए

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बदल रहा हैं सब कुछ,

बदल रहा ये जहाँ भी,

समय रहते हम सब भी बदले,

परिवर्तन लाना कुछ और भी,


देखो और जरा सोचो भी,

हम आये यहाँ कुछ देने,

कुछ नया नया सा जीने,

कुछ सीखने, कुछ सीखने,


प्रेम से वसुधा जगमगाने,

फिर कहाँ से आई ये दीवारे,

क्यो आयी फिर दिलों की दूरी,

कहाँ से सीखा ये बैर भाव,

क्यो फि पीड़ा,क्यो दिए घाव,

सोचे जरा रुक कर सोचे,


क्या यही है वो पथ,

जहाँ हमे जाना था,

या भटक गए हम वो राहे,

कंटको को बिछा यू मुस्काते रहे,

जब कष्ट खुद को मिला,

तब अश्रु क्यो बहाते रहे,


सोचे जरा आज हम सब,

बस हमे कुछ यहाँ है देंना,

क्यो न फिर प्रेम पथ बनाते चले,

लूटा कर बस प्रेम ही प्रेम,

बस सबको अपना बनाते चले,


बस प्रेम की गंगा बहाते चले,

खुशियो के गीत गाते चले,

दे हर दुखिया को खुशी,

बस प्रेम सुधा रस बरसाते चले,

सबको अपना बनाते चले।।


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