वक्त
वक्त
वादे तो वादे वादों का क्या
वक्त ने मोहलत मिली
निभा दिया।
निभा नहीं पाये तो हालत
बयां किया।
हालत हालात का क्या
कभी माकूल कभी
दुश्मन, नामाकूल।।
हालत, हालात बदल सकते
गर तो करो वादा
जुबान, जज्बे, जज्बात का
बयां इरादा।।
इरादे तो इरादे है, इरादों का क्या
हारते हिम्मत का शर्मसार
कश्ती का मज़ाक।।
हौसलों की हद नहीं पस्त
कभी हौसला नहीं
इरादों के जद में, हौसलो
की हद, वादों का वजूद कद।।
वक्त जहाँ में सबके लिये
बराबर मुंसिफ मिज़ाज़
ना किसी का दोस्त ना किसी का दुश्मन।।
वक्त का दुश्मन खुद को धोखा
वक्त खुद के कद्रदान पर मेहरबान।।
जाया करता जो मिले वक्त को
वक्त ही कर देता बेमोल।।
शख्स को खुद को खोजता
रह जाता वक्त के थपेड़ों भंवर
भ्रम के जाल में ।।
बीत जाती जिंदगी कोसते
तक़दीर, वक्त, खुदा, भगवान को
तकदीर खुदा भगवान का क्या?
तदबीर के तराशे इंसान की चमक
ईमान वादे की हैसियत वक्त की
कीमत वक्त का जर्रा जिगर।।
हौसलों इरादों के इंसान के
लफ्ज जुबान की कीमत।।
वादे निभाने की ताकत
तकदीर खुदा भगवान से मिल
जाने की आदत।।